पीएम विश्वकर्मा योजना /PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य विश्वकर्मा समुदाय के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, 140 से अधिक जातियों को कम ब्याज दर पर ऋण, प्रशिक्षण, और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि वे अपने कौशल का उपयोग कर स्वतंत्र रोजगार प्राप्त कर सकें।
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वेबसाइट/पोर्टल | PM Vishwakarma Yojana |
के लिए | कौशल उन्नयन, वित्तीय सहायता, बाजार तक पहुंच, सामाजिक सुरक्षा, और रोज़गार सृजन पर ध्यान दिया जाता है, ताकि कारीगर आत्मनिर्भर बन सकें। |
लॉन्च की तारीख | 1st February, 2023 |
द्वारा लॉन्च | Government of India |
द्वारा प्रबंधित | Ministry of Micro, Small & Medium Enterpries |
- What is Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana? – विश्वकर्मा योजना क्या है?
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की विशेषताएं
- CSC के माध्यम से पंजीकरण करने की प्रक्रिया
- आवेदनकर्ता या लाभार्थी लॉगिन प्रक्रिया
- विश्वकर्मा योजना में कितने रुपये का लोन मिलेगा और ब्याज दर क्या होगी?
- योजना के लाभार्थी (Eligibility Trades)
- PM Vishwakarma योजना के पात्रता मानदंड
- PM Vishwakarma योजना के लाभ
- PM विश्वकर्मा योजना 2024 की Last Date कब है?
- Helpline/हेल्पलाइन Contact
- PM Vishwakarma Yojana – FAQ’s
PM Vishwakarma Yojana – Key Indicators
No. of applications submitted | 2,34,19,238 |
Stage 1 Verification completed: Gram Panchayat or ULB/Zone | 1,26,38,134 |
Stage 2 Verification completed: District Implementation Committee | 28,17,741 |
Stage 3 Verification completed: Screening Committee | 16,33,173 |
No. of applicants successfully registered | 16,17,975 |
What is Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana? – विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने पारंपरिक कौशल के माध्यम से रोजगार अर्जित करते हैं।
इस योजना के तहत, सरकार कारीगरों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करती है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना का मुख्य लक्ष्य उन कारीगरों को पहचान दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जो कई पीढ़ियों से अपने पारंपरिक व्यवसाय में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की विशेषताएं
कम ब्याज दर पर ऋण
इस योजना के तहत, विश्वकर्मा समुदाय के शिल्पकारों और कारीगरों को बहुत ही कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा। इस ऋण का उद्देश्य उन्हें अपने व्यवसाय को शुरू करने या विस्तार करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को दो चरणों में ऋण प्रदान किया जाएगा – पहले चरण में ₹1,00,000 का ऋण और दूसरे चरण में ₹2,00,000 का ऋण, दोनों 5% की ब्याज दर पर दिए जाएंगे।
प्रशिक्षण और उपकरण सहायता
योजना के तहत, लाभार्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपने कौशल को और अधिक सुधार सकें। प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें प्रतिदिन ₹500 का भत्ता मिलेगा, जो उनके दैनिक खर्चों को कवर करने में सहायता करेगा।
इसके अलावा, उन्हें ₹15,000 की राशि टूल किट खरीदने के लिए प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने कार्य को सुचारू रूप से कर सकें।
विस्तृत लाभार्थी कवरेज
इस योजना के तहत बघेल, बड़गर, लोहार, पांचाल जैसी 140 से अधिक जातियों को लाभ मिलेगा।
यह योजना न केवल इन जातियों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी देगी, जिससे वे अपने समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकें।
उच्च बजट आवंटन
सरकार ने इस योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि योजना के सभी लाभार्थियों को समय पर और पर्याप्त सहायता प्राप्त हो।
इस उच्च बजट आवंटन के कारण, सरकार यह सुनिश्चित करने में सक्षम होगी कि योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर ऋण, प्रशिक्षण, और अन्य सुविधाएं मिलें।
सरकारी पहचान और प्रमाणपत्र
योजना के तहत लाभार्थियों को शिल्पकार और कारीगर के रूप में सरकारी पहचान प्रदान की जाएगी।
उन्हें प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, जो न केवल उनके कौशल को मान्यता देंगे बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं और लाभों तक पहुंचने में भी मदद करेंगे।
CSC के माध्यम से पंजीकरण करने की प्रक्रिया
अब, आप यह पंजीकरण आसानी से अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से कर सकते हैं। हम आपको “PM Vishwakarma Yojana” के तहत CSC के माध्यम से पंजीकरण करने की पूरी प्रक्रिया समझाएंगे, ताकि आप इस योजना का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें।
- Vist a वेबसाइट https://pmvishwakarma.gov.in/ खोलें और “लॉगिन” ड्रॉपडाउन पर क्लिक करें।
- कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा में पंजीकृत करने के लिए, CSC उपयोगकर्ताओं को लॉगिन ड्रॉपडाउन से “CSC- Register Artisans” विकल्प चुनना होगा।
- अपने CSC उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें।
- “क्या आपके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है?” और “क्या आपने स्वरोजगार/व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार की इसी तरह की योजनाओं के तहत ऋण सुविधा प्राप्त की है जैसे पीएमईजीपी या पीएम स्वनिधि या मुद्रा के तहत कोई बकाया ऋण है?” विकल्पों में ‘नहीं’ चुनें और ‘जारी रखें’ बटन पर क्लिक करें।
- “आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर” दर्ज करें और कारीगरों का आधार नंबर दर्ज करें, “ओटीपी” बटन पर क्लिक करें और आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से सत्यापन करें।
- इसके बाद बायोमेट्रिक का उपयोग करके आधार प्रमाणीकरण करें। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए बायोमेट्रिक बटन पर क्लिक करें और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करें।
- पंजीकरण फॉर्म भरें। व्यक्तिगत विवरण अनुभाग में, नाम, पिता/पति का नाम, जन्म तिथि और लिंग आधार से स्वचालित रूप से प्राप्त हो जाएंगे। वैवाहिक स्थिति चुनें, कारीगर की श्रेणी (सामान्य/एससी/एसटी/ओबीसी) चुनें।
- यह भी चुनें कि कारीगर दिव्यांगजन है या नहीं, यदि हां तो दिव्यांगजन का प्रकार चुनें। यह भी चुनें कि कारीगर उसी राज्य में व्यवसाय कर रहा है या नहीं और कारीगर अल्पसंख्यक श्रेणी से है या नहीं, यदि हां तो अल्पसंख्यक श्रेणी चुनें।
- संपर्क विवरण अनुभाग में, मोबाइल नंबर और आधार नंबर स्वतः भरे जाएंगे। यदि उपलब्ध हो तो पैन कार्ड नंबर दर्ज करें।
- परिवार विवरण अनुभाग में, यदि आधार नंबर से जुड़ा राशन कार्ड नंबर है, तो राशन कार्ड नंबर और परिवार का विवरण स्वचालित रूप से दिखाई देगा। अन्यथा, परिवार का विवरण प्राप्त करने के लिए राशन कार्ड नंबर दर्ज करें, यदि राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है तो परिवार की जानकारी मैन्युअल रूप से जोड़ें।
- आधार पता विवरण अनुभाग में, आधार पता, राज्य, जिला और पिन कोड स्वतः भरे जाएंगे। यदि आधार पता वही है जो वर्तमान पता है, तो “आधार पते के समान” पर क्लिक करें। और चुनें कि क्या कारीगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है या नहीं, यदि हां तो ब्लॉक और ग्राम पंचायत का चयन करें।
- यदि कारीगर शहरी क्षेत्र से संबंधित है, तो “क्या आप ग्राम पंचायत के अंतर्गत आते हैं?” में ‘नहीं’ चुनें और यूएलबी का नाम चुनें।
- आधार पता विवरण अनुभाग में, यदि आधार पता अलग है, तो “अन्य” चुनें और यह चुनें कि क्या कारीगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है या नहीं और वर्तमान पते का विवरण दर्ज करें।
- व्यवसाय/व्यापार विवरण अनुभाग में, कारीगर के व्यवसाय/व्यापार का नाम चुनें। फिर यह घोषणा करें कि उनका व्यवसाय/व्यापार गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से पारिवारिक व्यवसाय है और व्यवसाय का पता चुनें, यदि व्यवसाय का पता आधार के समान है तो “आधार पते के समान” चुनें, यदि वर्तमान पते के समान है तो “वर्तमान पते के समान” चुनें,
- यदि व्यवसाय का पता आधार और वर्तमान पते से अलग है तो अन्य विकल्प चुनें और व्यवसाय का पता दर्ज करें।
- बचत बैंक विवरण अनुभाग में, कारीगर के बैंक खाते का नाम चुनें, आईएफएससी कोड दर्ज करें, बैंक शाखा का नाम चुनें और खाता संख्या दर्ज करें और इसे पुनः दर्ज करके खाता संख्या की पुष्टि करें।
- क्रेडिट समर्थन अनुभाग में, चुनें कि कारीगर को क्रेडिट समर्थन की आवश्यकता है (हां या बाद में) और यदि क्रेडिट समर्थन की आवश्यकता है, तो 1,00,000 रुपये तक की राशि दर्ज करें। यदि कारीगर एक ही बचत बैंक/शाखा से ऋण लेना चाहता है, तो ऋण लेने के लिए पसंदीदा बैंक/शाखा में बचत बैंक खाता के समान चुनें,
- अन्यथा, यदि कारीगर किसी अलग बैंक शाखा से ऋण लेना चाहता है, तो अन्य चुनें और चुनें कि कारीगर किस बैंक और शाखा से ऋण लेना चाहता है। ऋण के उद्देश्य का चयन करें और मौजूदा बकाया ऋण जानकारी दर्ज करें (यदि कोई हो) और कुल मासिक पारिवारिक आय दर्ज करें।
- डिजिटल प्रोत्साहन अनुभाग में, चुनें कि कारीगर का कोई यूपीआई आईडी है या नहीं, और ‘हां’ या ‘नहीं’ चुनें। यदि हां, तो यूपीआई आईडी का विवरण प्रदान करें। यदि उपलब्ध हो तो यूपीआई आईडी लिंक्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- कौशल प्रशिक्षण अनुभाग और टूल किट अनुभाग में, योजना के घटक लाभों को पढ़ें और समझें।
- विपणन समर्थन अनुभाग में, इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध विभिन्न विपणन-संबंधी समर्थन लाभों का चयन करें।
- घोषणा और शर्तें स्वीकार करें।
- सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें। एक पंजीकरण संख्या उत्पन्न होगी।
- सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद, पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी की समीक्षा की जाएगी और आवश्यकतानुसार आपसे संपर्क किया जा सकता है।
पंजीकरण के बाद, आपको एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा जिसमें आपके पंजीकरण की स्थिति और पंजीकरण संख्या की जानकारी होगी।
इसे सुरक्षित रखें, क्योंकि भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता या समस्याओं के लिए यह पंजीकरण संख्या उपयोगी होगी।
अगर आपको पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है या कोई तकनीकी सहायता की आवश्यकता होती है, तो आप वेबसाइट पर उपलब्ध हेल्पडेस्क या ग्राहक सहायता से संपर्क कर सकते हैं।
आवेदनकर्ता या लाभार्थी लॉगिन प्रक्रिया
- होमपेज पर “आवेदनकर्ता/लाभार्थी लॉगिन” या इसी तरह का सेक्शन ढूंढें। यह आमतौर पर पेज के शीर्ष पर या प्रमुख स्थान पर होता है।
- पंजीकरण के दौरान दिए गए अनूठे यूज़रनेम या आईडी को दर्ज करें।
- अपना पासवर्ड दर्ज करें। यदि आप पहली बार लॉगिन कर रहे हैं, तो यह पासवर्ड पंजीकरण के समय दिया गया डिफ़ॉल्ट पासवर्ड हो सकता है, जिसे लॉगिन के बाद बदल लेना चाहिए।
- स्क्रीन पर प्रदर्शित कैप्चा सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप कोई बॉट नहीं हैं।
- “लॉगिन” बटन पर क्लिक करें और अब आप सर्विस का उपयोग करे।
विश्वकर्मा योजना में कितने रुपये का लोन मिलेगा और ब्याज दर क्या होगी?
विश्वकर्मा योजना के तहत शिल्पकारों को रियायती ब्याज दरों पर आर्थिक सहायता के रूप में लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत लोन की संरचना निम्नलिखित है:
- लोन राशि: शिल्पकार दो चरणों में ₹3,00,000 तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं।
- पहला चरण: पहले किस्त के रूप में ₹1,00,000 का लोन।
- दूसरा चरण: पहले लोन की सफलतापूर्वक वापसी के बाद दूसरे किस्त के रूप में ₹2,00,000 का लोन।
- ब्याज दर: इस योजना के तहत दिए जाने वाले लोन की ब्याज दर बाजार दरों की तुलना में काफी कम होती है। यह रियायती दर शिल्पकारों के लिए वित्तीय प्रबंधन को आसान बनाती है और उन्हें अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करती है।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोन वितरण की प्रक्रिया सुचारू हो और पुनर्भुगतान की शर्तें शिल्पकारों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए लचीली हों।
योजना के लाभार्थी (Eligibility Trades)
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2024 के तहत, विशेष रूप से उन समुदायों के कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ पहुंचाया जाएगा, जो पारंपरिक कौशल और व्यवसायों में संलग्न हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत आने वाले व्यवसायों की सूची (List of Trades Covered Under the PM Vishwakarma Scheme) –
लकड़ी आधारित:
- बढ़ई (सुथार)
- नाव निर्माता
लोहे/धातु आधारित:
- शस्त्र निर्माता
- लोहार
- हथौड़ा और औजार किट निर्माता
- ताला निर्माता
सोने/चांदी आधारित:
- सुनार
मिट्टी आधारित:
- कुम्हार
पत्थर आधारित:
- मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला
चमड़ा आधारित:
- मोची (चमकार/जूते बनाने वाला)/ फुटवियर कारीगर
निर्माण:
- राजमिस्त्री
अन्य:
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/ नारियल रस्सी बुनने वाला
- गुड़िया और खिलौने बनाने वाला (पारंपरिक)
- नाई
- माला बनाने वाला (मालाकार)
- धोबी
- दर्जी
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला
PM Vishwakarma योजना के पात्रता मानदंड
PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन और सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत कारीगरों की आजीविका को सुधारने के लिए वित्तीय सहायता, कौशल विकास और अन्य लाभ दिए जाते हैं।
कारीगर/शिल्पकार
यह योजना उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक शिल्प और कारीगरी के कार्यों में संलग्न हैं, जैसे कि लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मोची, राजमिस्त्री आदि।
आयु सीमा
आवेदनकर्ता की आयु आमतौर पर 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस आयु सीमा में योजना के अनुसार कुछ बदलाव हो सकते हैं।
कारीगरी का प्रमाण
आवेदनकर्ता को यह साबित करना होगा कि वे पारंपरिक शिल्प या कारीगरी में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इसके लिए स्थानीय या क्षेत्रीय कारीगर संघ का प्रमाणपत्र, व्यापार लाइसेंस, या अन्य संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
आय मानदंड
इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। आय सीमा क्षेत्रीय और योजना के विशेष प्रावधानों के अनुसार बदल सकती है।
कौशल स्तर
योजना में आवेदनकर्ता के कौशल का मूल्यांकन किया जा सकता है और उनके कौशल स्तर के अनुसार अधिक सहायता या विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है।
निवास
आवेदनकर्ता भारत का निवासी होना चाहिए। कुछ राज्यों में निवास स्थान से जुड़े अतिरिक्त मानदंड या प्राथमिकताएँ हो सकती हैं।
बैंक खाता
लाभार्थी के पास एक वैध बैंक खाता होना अनिवार्य है, क्योंकि वित्तीय सहायता सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज आपके आवेदन को सत्यापित करने और योजना के लाभों के लिए आपकी पात्रता सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
आमतौर पर आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:
- आधार कार्ड: यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, क्योंकि यह आपकी पहचान और पते का प्रमाण है।
- पैन कार्ड: आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड आवश्यक होता है।
- बैंक पासबुक: बैंक खाता विवरण प्रदान करने के लिए बैंक पासबुक की कॉपी की आवश्यकता होती है।
- मोबाइल नंबर: आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा।
- पासपोर्ट साइज फोटो: एक हाल ही में लिया गया पासपोर्ट साइज फोटो।
- शिल्पकार होने का प्रमाण: यह दस्तावेज आपकी कारीगरी में दक्षता को साबित करता है। यह कोई प्रमाण पत्र, लाइसेंस या पिछले काम का रिकॉर्ड हो सकता है।
- निवास प्रमाण: यह दस्तावेज साबित करता है कि आप भारत का नागरिक हैं और आप उस क्षेत्र में रहते हैं जहां आप आवेदन कर रहे हैं।
- जाति प्रमाण पत्र: (यदि लागू हो) कुछ श्रेणियों के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता हो सकती है।
PM Vishwakarma योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन और मान्यता प्रदान करना है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस योजना के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
वित्तीय सहायता/Financial Assistance
लाभार्थियों को उनके औजारों, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। इसमें अनुकूल ब्याज दरों पर ऋण या अनुदान शामिल हो सकते हैं।
- टूलकिट प्रोत्साहन/Toolkit Incentive:
- यह एकमुश्त अनुदान है जो कारीगरों को उनके काम के लिए आवश्यक उपकरण, सामग्री, या कच्चा माल खरीदने में मदद करने के लिए प्रदान किया जाता है।
- ई-वाउचर्स को निर्दिष्ट विक्रेताओं या ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर उपयोग किया जा सकता है।
- प्रोत्साहन की राशि विशिष्ट शिल्प या व्यवसाय के आधार पर भिन्न हो सकती है।
- वजीफा/Stipend:
- प्रशिक्षण के दौरान, कारीगरों को उनके जीवनयापन के खर्च को कवर करने के लिए प्रतिदिन वजीफा मिलता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर सकें बिना आर्थिक चिंताओं के।
- वजीफे की राशि प्रतिदिन 500 रुपये तय की गई है।
कौशल विकास/Skill Upgradation
योजना के तहत कारीगरों को कौशल सुधारने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ मिलता है। ये प्रशिक्षण उनके शिल्प और तकनीकी कौशल को बेहतर बनाते हैं, जिससे वे बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहते हैं।
- मूलभूत प्रशिक्षण
- यह एक बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसे कारीगरों के मौजूदा कौशल को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह उनके शिल्प से संबंधित आवश्यक तकनीकों, ज्ञान, और सर्वोत्तम प्रथाओं को कवर करता है।
- मूलभूत प्रशिक्षण की अवधि सामान्यतः 5-7 दिन होती है।
- उन्नत प्रशिक्षण
- जो कारीगर अपने कौशल को और अधिक विकसित करना चाहते हैं, उनके लिए पीएमवीवाई उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।
- ये कार्यक्रम शिल्प के भीतर विशिष्ट क्षेत्रों में गहराई से जाते हैं।
- उन्नत प्रशिक्षण की अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सामान्यतः यह 15 दिन या उससे अधिक होती है।
बाजार संबंध
कारीगरों को व्यापक बाजारों तक पहुंचने के अवसर मिलते हैं, जिससे उनकी पहुंच बढ़ सकती है और उनकी आय में सुधार हो सकता है। इसमें व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों और अन्य बाजार प्लेटफार्मों में भाग लेने का समर्थन शामिल है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर समर्थन
कार्यस्थलों और कार्यशालाओं को सुधारने के लिए सहायता प्रदान की जाती है, जिससे कारीगर बेहतर परिस्थितियों में काम कर सकें और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बना सकें।
प्रौद्योगिकी उन्नयन
आधुनिक औजारों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान की जाती है, जिससे कारीगर अपनी उत्पादकता और दक्षता बढ़ा सकते हैं।
बीमा और स्वास्थ्य लाभ
कारीगरों और उनके परिवारों की भलाई को सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ की व्यवस्था की जाती है।
मान्यता और प्रोत्साहन
कारीगरों को उनके कौशल और पारंपरिक शिल्प के प्रति उनके योगदान के लिए मान्यता दी जाती है।योजना के तहत उनके उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाते हैं।
वित्तीय साक्षरता और व्यवसायिक कौशल
कारीगरों को वित्तीय प्रबंधन और व्यवसायिक कौशल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपने वित्त को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें और सूचित व्यावसायिक निर्णय ले सकें।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आवश्यक संसाधन, कौशल और अवसर प्रदान करके उन्हें आज की आर्थिक परिस्थितियों में समृद्ध बनाने के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखना है।
PM विश्वकर्मा योजना 2024 की Last Date कब है?
पीएम विश्वकर्मा योजना 2024 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि अभी आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं की गई है। हालांकि, पात्र कारीगरों के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अंतिम मिनट की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द अपने पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
सरकार की आधिकारिक सूचनाओं के साथ अपडेट रहना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप समय सीमा से न चूकें।
सरकार आवेदनों के लिए एक विशिष्ट विंडो प्रदान कर सकती है, और इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए समय पर जमा करना आवश्यक है।
Helpline/हेल्पलाइन Contact
Toll Free Helpline Number Telephone: 18002677777 and 17923 |
Champions Desk Ministry of MSME Email Id: [email protected] Contact No.: 011-23061574 |
PM Vishwakarma Yojana – FAQ’s
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है।
इस योजना के तहत, इन पेशों से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, और उपकरणों का वितरण किया जाता है।
ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें और अधिक उत्पादक बन सकें।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिल्पकारों और कारीगरों को वित्तीय मदद, प्रशिक्षण, और आधुनिक उपकरण प्रदान करके उनकी कार्यकुशलता को बढ़ावा देना है।
इसके साथ ही, उनके व्यवसाय को बढ़ाने और बाजार में उनकी पहुंच को बढ़ाने का प्रयास भी किया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पारंपरिक कारीगर जैसे बुनकर, सुनार, लोहार, बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, और अन्य शिल्पकार शामिल हैं।
पात्रता के लिए पात्र शिल्पकारों को योजना के अंतर्गत नामांकन कराना होता है।
योजना के तहत निम्नलिखित प्रकार की सहायता दी जाती है:
– आर्थिक सहायता
– व्यवसायिक प्रशिक्षण
– आधुनिक उपकरणों का वितरण
– विपणन सहायता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित राज्य या केंद्र सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
इसके अलावा, आप निकटतम जनसेवा केंद्र या संबंधित विभाग के कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
आर्थिक सहायता की राशि कारीगर के काम की प्रकृति, उसकी ज़रूरतों और सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर तय की जाती है।
विस्तृत जानकारी के लिए योजना के आधिकारिक दिशानिर्देशों को देखें।
योजना के तहत कारीगरों को आधुनिक तकनीकों और कार्यकुशलता में सुधार के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
यह प्रशिक्षण विभिन्न सरकारी संस्थानों और मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा दिया जाता है।
आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
– पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि)
– निवास प्रमाण पत्र
– व्यवसाय से संबंधित प्रमाणपत्र
– बैंक खाता विवरण
– पासपोर्ट आकार की फोटो
योजना की अवधि सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और यह समय-समय पर समीक्षा और विस्तार के अधीन हो सकती है।
योजना के तहत आवेदन करने या सहायता प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। सभी सेवाएं और सहायता निशुल्क प्रदान की जाती है।